आज से लगभग 86 वर्ष पूर्व साल 1934 में आए भूकंप (Earthquake) की वजह से कोसी नदी पर बना रेल पुल क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके बाद यह रेल मार्ग बंद था. 86 साल बाद अब कोसी नदी पर रेलवे का पुल (Rail Bridge on Kosi River) तैयार हो गया है, जिसके ऊपर जल्द ही ट्रेनें दौड़ने लगेंगी. कोसी नदी (Kosi River) पर बने रेल पुल से ट्रेनों का परिचालन शुरू होने का सबसे ज्यादा लाभ दरभंगा, मधुबनी, सुपौल और सहरसा जिले में रहने वालों को होगा |
बताया जा रहा है की इस पुल से मधुबनी (Madhubani) और सुपौल (Supaul) जिला एक बार फिर रेल मार्ग से जुड़ जाएगा. पूर्व मध्य रेलवे (ECR) के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि कोसी नदी पर बने रेल पुल का मोटर-ट्रॉली से निरीक्षण कर लिया गया है. 31 मार्च के बाद इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सकता है |
कोसी नदी पर नए पुल की लम्बाई 1.88 किलोमीटर है : ECR के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि नए कोसी पुल को सरायगढ़ की ओर से रेलवे ट्रैक से जोड़ दिया गया है। उन्होंने बताया कि नए कोसी पुल की कुल लंबाई 1.88 किलोमीटर है और इसमें 45.7 मीटर लंबाई के ओपनवेब गर्डर वाले 39 स्पैन हैं. राजेश कुमार ने बताया कि नए पुल का स्ट्रक्चर एमबीजी लोडिंग क्षमता के अनुरूप डिजाइन किया गया है। उन्होंने बताया कि सकरी से झंझारपुर तक रेल लाइन तैयार है |
आपको बता दे की निर्मली से आसनपुर कुपहा तक नई लाइन का निर्माण कार्य जारी है। राजेश कुमार ने बताया कि आसनपुर निर्मली ब्रिज से सरायगढ़ तक ट्रायल हो चुका है, सीआरएस निरीक्षण होना बाकि रह गया है। उन्होंने बताया कि इस पुल के चालु हो जाने से दरभंगा से भी एक रूट और बन जाएगा।
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मार्च से ट्रेन चलने की है उम्मीद : बता दे की सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि सकरी-झंझारपुर-निर्मली-सरायगढ़-सहरसा आमान परिवर्तन परियोजना के तहत नए कोसी पुल का रेलवे ट्रैक से अब सरायगढ़ होते हुए सहरसा से जुड़ाव हो गया है. वहीं सहरसा-सुपौल रेल खंड पर रेल परिचालन पहले से ही जारी है | उन्होंने कहा कि सुपौल-सरायगढ़ रेलखंड भी एक महीने में परिचालन के लिए खोल दिया जाएगा. सरायगढ़ से कोसी पुल पार कर निर्मली की ओर आसनपुर कुपहा हॉल्ट तक रेलखंड का 31 मार्च तक रेल परिचालन के लिए खोल दिए जाने की संभावना है |