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अब बिहार में कैंसर मरीजों का इलाज होगा आसान, राज्य के 38 जिलों में होगी मुफ्त स्क्रीनिंग की व्यवस्था

बिहार राज्य में अब कैंसर के मरीजों की जांच, पहचान एवं उनके उपचार काफी आसान होने वाली है। कैंसर की मुफ्त स्क्रीनिंग अभी तक सिर्फ 16 जिलों में होती थी लेकिन अब राकय के सभी 38 जिलों में होगी। दरसल स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर सभी जिलों में कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। साथ ही राज्य के 6 मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कीमोथेरापी के लिए यूनिट की स्थापित होगी, जहां पैसे नहीं लगेंगे। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने शुक्रवार को एक कैंसर दिवस पर आयोजित एक वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में दी। इस दौरान ट्यूमर की जांच के लिए एसकेएमसीएच में एक जीनोम लैब का उद्घाटन भी किया। मंत्री और अपर मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में कैंसर के मरीजों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं।

IGIMS में 138 करोड़ से क्षेत्रीय कैंसर संस्थान का निर्माण किया गया है। होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर और पटना मेडिकल कालेज अस्पताल में सुविधाएं प्रदान की गई हैं। निजी क्षेत्र में महावीर कैंसर संस्थान को भी सहायता दी जा रही है। मंत्री ने बताया कि मेडिकल कालेज अस्पताल पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बेगूसराय, सिवान एवं नालंदा में घर पर ही दर्द से राहत देने की सुविधा विकसित की जाएगी। SKMCH में 100 बेड का माडयूलर डे केयर वार्ड बनेगा। इसके साथ ही SKMCH में ही सीनियर रेजिडेंट डाक्टर और पीजी छात्रों को कैंसर प्रशिक्षण देने की भी योजना है। मंत्री और अपर मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि वद्र्धमान इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस पावापुरी के साथ जेएलएनएमसीएच, एसकेएमसीएच, डीएमसीएच और पूर्णिया मेडिकल कालेज में कीमोथेरानी यूनिट की स्थापना करने का भी लक्ष्य है।

इसके अलावा सभी जिलों में स्क्रीनिंग शुरू की जा रही है। हर मंगलवार-गुरुवार को सदर अस्पताल में स्क्रीनिंग की व्यवस्था रहेगी। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने यह जानकारी दी है कि 2018-19 से 2021-22 तक कैंसर की पहचान के लिए 25 लाख की स्क्रीनिंग की गई। जिनमें 14.95 हजार मुंह के कैंसर की, 6.86 लाख स्तन कैंसर, 32.79 गर्भाशय के मुख के कैंसर की पहचान के लिए स्क्रीनिंग की गई है। मंत्री ने 2025 तक कैंसर के मामले बढने की आशंका जताई। यह संख्या वार्षिक 2.32 लाख तक जा सकती है। कांंफ्रेंस में मौजूद IGIMS के निदेशक डा. एनआर विश्वास ने कहा संस्थान में इस वर्ष कैंसर विषय में पीजी का नामांकन किया गया है। संस्थान में एमआइआइ, पेट सिटी और लिनियर एक्सलेटर स्थापित किया गया है। प्रेस कांफ्रेंस में होमी भाभा संस्थान, मुजफ्फरपुर के डा रविकांत सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।

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