बेनीपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रसिद्ध नवादा गांव स्थित हयहट्ट देवी के मंदिर में मां दुर्गा के सिंहासन की पूजा होती है। आमतौर पर मंदिर में पूजा- अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ हर दिन जुटती है, लेकिन शारदीय नवरात्रा के दौरान लोग उमड़ पड़ते हैं। कलश स्थापना के दिन से ही मां के सिंहासन की पूजा के लिए पड़ोसी देश नेपाल सहित मिथिला के विभिन्न जिलों से श्रद्धालुओं के पहुंचने का तांता लग जाता है। जो श्रद्धालु मां दुर्गा के सिंहासन की सच्चे मन से पूजा करते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।
स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि हयहट्ट देवी अंकुरित भगवती हैं। जिस जगह पर अभी माता का भव्य मंदिर है, वहां करीब चार सौ साल पहले जंगल था। जंगल में प्रतिदिन गाय को चराने के लिए चरवाहे आते थे और एक गाय जंगल के एक जगह पर अपना दूध बहा देती थी। इस बात की जानकारी होने के बाद ग्रामीणों ने उस जगह को साफ कर एक झोपड़ी बनाकर अंकुरित भगवती की पूजा शुरू कर दी।
कालांतर में गांव के लोगों ने सामूहिक चंदा इकठ्ठा कर सार्वजनिक रूप से भव्य मंदिर का निर्माण कराया। नवादा गांव में सैकडों वर्ष पहले हयहट्ट राजा का डीह हुआ करता था। उन्हीं के नाम पर देवी का नाम हयहट्ट भगवती रखा गया।