हम भारतीय लोग जुगाड़ के लिए जाने जाते हैं. खत्म हो रहे टूथपेस्ट के पाउच में से पेस्ट निकालना हो या फिर नाड़े को पेन में फंसा कर उसे पैजामे में डालना हो, हमारे पास हर समस्या का जुगड़ू निवारण मौजूद रहता है. इसी जुगाड़ के दम पर हम चीजों को बर्बाद होने से बचाने की कोशिश भी करते रहते हैं.
कोल्ड ड्रिंक की बोतलों में पानी
जैसे कि अब गर्मियां आ गई हैं और फ्रिज के ठंडे पानी की डिमांड भी बढ़ने लगी है. ऐसे में आप अपने फ्रिज में पानी की फैंसी बोतलों के साथ कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतलों में पानी भरा हुआ भी देखेंगे. एक बार के लिए सोचा जाए तो ये प्लास्टिक की बोतलों का सही इस्तेमाल माना जाएगा लेकिन इसके पीछे का सच जानने के बाद शायद आप ऐसा जुगाड़ लगाने से परहेज करेंगे.
इससे होते हैं ये नुकसान
कोल्ड ड्रिंक या मिनरल वॉटर की बोतल में कई दिन तक पानी भरकर रखना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. दरअसल जब इन बोतलों में लंबे समय तक पानी भर कर इनका इस्तेमाल किया जाता है तो इनमें fluoride और arsenic जैसे तत्व बनने लगते हैं. ये तत्व शरीर के लिए काफी नुकसानदेह होते हैं. वैज्ञानिकों द्वारा इन्हें शरीर के लिए स्लो पॉइजन माना गया है.
बढ़ता है कैंसर का खतरा
सम्बंधित ख़बरें
कई रिपोर्ट्स की मानें तो प्लास्टिक की बोतल में रखे पानी से इंसान के इम्यून सिस्टम पर भी काफी बुरा असर पड़ता है. माना जाता है कि इससे पैदा होने वाले कैमिकल शरीर पर गहरा असर डालते हैं. इतना ही नहीं, बल्कि प्लास्टिक में मौजूद फैथलेट्स जैसे केमिकल लिवर कैंसर का खतरा पैदा कर सकते हैं.
ज्यादा समय तक इन प्लास्टिक की बोतलों में पानी रखने से बीपीए का पैदा होता है. बीपीए एक ऐसा केमिकल है जो शरीर में मोटापा, डायबिटीज आदि बीमारियों का कारण बनता है. इसे Biphenyl A कहा जाता है.
इन सबके अलावा जब बोतल में रखा पानी सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से या किसी अन्य वजह से गर्म होता है तब इसमें टोक्सिन बनने लगते हैं और यही कैंसर का कारण भी बन सकते हैं.