PATNA-भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने नालंदा में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद जदयू को घेरा है। सोशल मीडिया पर जायसवाल ने अपने पोस्ट में लिखा कि उनके क्षेत्र में हुई मौत को लेकर जदयू ने उनसे सवाल पूछा था, अब जदयू को भी उनके सवाल का जवाब देना चाहिए। नालंदा जिले में जहरीली शराब से 11 मौतें हो चुकी हैं। क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा? क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां सांत्वना देता तो आपके लिए अपराध है।
जायसवाल ने कहा कि अगर शराबबंदी लागू करना है तो सबसे पहले नालंदा प्रशासन द्वारा गलत बयान देने वाले उस बड़े अफसर की गिरफ्तारी होनी चाहिए, क्योंकि प्रशासन का काम जिला चलाना होता है ना कि जहरीली शराब से मृत व्यक्तियों को अजीबोगरीब बीमारी से मरने का कारण बताना। यह साफ बताता है कि प्रशासन स्वयं शराब माफिया से मिला हुआ है और उनकी करतूतों को छुपाने का काम कर रहा है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि नालंदा प्रशासन के बाद दूसरे अपराधी वहां के पुलिस वाले हैं जिन्होंने अपने इलाके में शराब की खुलेआम बिक्री होने दी। 10 वर्षों का कारावास तो इन पुलिस कर्मियों को होना चाहिए, ना कि इन्हें 2 महीने के लिए सस्पेंड करके नया थाना देना जहां वह यह सब काम फिर से चालू रख सकें।
जायसवाल ने कहा कि तीसरा सबसे बड़ा अपराधी शराब माफिया हैं जो शराब की बिक्री विभिन्न स्थानों पर करवाते हैं। इनको पकड़ना भी बहुत आसान है। इन्हीं पुलिसकर्मियों से पुलिसिया ढंग से पूछताछ की जाए तो उस माफिया का नाम भी सामने आ जाएगा। शराब बेचने वाले और पीने वाले दोनों को सजा अवश्य होनी चाहिए। पर, यह उस हाइड्रा की बाहें हैं जिन्हें आप रोज काटेंगे तो रोज उग जाएंगे। अवैध कारोबार को जड़ से खत्म करना है तो भ्रष्ट प्रशासन तंत्र, संलिप्त पुलिस और माफिया की तिकड़ी को समाप्त करना होगा।