बिहार में साइबर अपराधियों का एक और चौंकाने वाला कारनामा सामने आया है। इस बार हैकरों ने पाटलिपुत्र स्थित राष्ट्रीय केंद्रीयकृत एंबुलेंस सेवा के टॉल फ्री नंबर 102 के एप्लीकेशन सर्वर को ही हैक कर लिया। यही नहीं लिंक के माध्यम से यह संदेश भी भेजा कि थर्ड पार्टी से संपर्क करने पर डाटा वापस कर दिया जायेगा। यह घटना 31 मार्च की है।
इस मामले में कंसौटियम ऑफ पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड व सम्मान फाउंडेशन के आईटी मैनेजर शशि प्रकाश के बयान पर पाटलिपुत्र थाने में अज्ञात हैकरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एप्लीकेशन सर्वर हैक होने की वजह से करीब एक घंटे तक एंबुलेंस सेवा संचालित करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। संस्था के निदेशक राजीव रंजन का दावा है कि एंबुलेंस सेवा संचालित करने के लिए दूसरा एप्लीकेशन सर्वर बना लिया गया है और एंबुलेंस सेवा शुरू कर दी गई है।
दर्ज प्राथमिकी में आईटी मैनेजर शशि प्रकाश ने बताया है कि संस्था द्वारा लोक निजी साझेदारी के तहत टॉल फ्री नंबर 102 कॉल सेंटर के माध्यम से सूबे के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के अधीन राष्ट्रीय आपातकालीन एंबुलेंस वाहनों का संचालन जनहित में किया जाता है। 31 मार्च को दोपहर 3.40 बजे हैकरों ने एप्लीकेशन सर्वर को हैक कर लिया। इसके कारण आपातकालीन 102 एंबुलेंस सेवा को संचालित करने में परेशानी का सामना करना पड़ा।
संस्था के निदेशक राजीव रंजन ने बताया कि व्यवस्था को ठीक कर लिया गया है और एंबुलेंस सेवा फिर से शुरू कर दी गयी है। इस संबंध में पुलिस को लिखित शिकायत की गयी है। हैकरों ने कहां से सर्वर को हैक किया है, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं मिल पायी है। पाटलिपुत्र थाना प्रभारी एसके शाही ने बताया कि केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
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Input: Hindustan