30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी में ब्रिज हादसा हुआ, इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में स्थानीय प्रशासन की बड़ी लापरवाही की बात कही जा रही थी।
गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे के बाद गुजरात सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। लगातार गुजरात सरकार से इस हादसे को लेकर सवाल पूछे जा रहे थे और जिम्मेदारी तय करने की बात कही जा रही थी। हालांकि अब पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा है कि मोरबी में हुए हादसे में राज्य सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं थी।
मोरबी हादसे पर क्या बोले नितिन पटेल?
नितिन पटेल ने कहा कि यह काम मोरबी की नगरपालिका का था। ये पुराना पुल था, उसको ठीक करने का काम और फिर जनता के लिए खोलना ,यह नगरपालिका ने एक एजेंसी को दिया था। इसमें सरकार का कोई रोल नहीं है। सरकार की कोई भी मंजूरी लेने की भी जरूरत नहीं है। ये राजाओं के जमाने का ब्रिज था, जो व्यक्तिगत यूज के लिए बनाया गया था। इसे टूरिस्ट के नजरिए से खोला गया था। 2 करोड़ रूपये इसे दुरुस्त करने के लिए दिया गया था और दिवाली के बाद खोलने की बात कही गई थी।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
नितिन पटेल के इस जवाब के बाद सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। @Politics_2022_ मुझे लगा कि इसके लिए भी नेहरू जिम्मेदार हैं। @Raj_drrrk यूजर ने लिखा कि जिम्मेदार तो देश की जनता है जो ऐसे भ्रष्ट नेताओं को चुनती है जो पहले तो भ्रस्टाचार से जनता की जान लेते हैं और जिम्मेदारी लेने से भागते हैं। बीजेपी के” भ्रष्टाचार का गुजरात मॉडल” पूरी दुनिया ने देख लिया है। @IronmanRakesh यूजर ने लिखा कि सर नगर पालिका को क्यों दोष दे रहे हो? मरने वाले मरते हैं, पुल है तो टूटता है। वैसे भी भारत में दुर्घटना से लोग मरते हैं, जिसे हम भगवान की मर्जी बोलते हैं बोल दो!
अरविंद कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि तो क्या मोदी जी की जिम्मेदारी सिर्फ फीता काटना है? @SSP2805 यूजर ने लिखा कि रुपया नहीं गिर रहा, डॉलर मजबूत हो रहा है। बारहवीं के बाद इंटर करने वाले ऐसे ही बयान देते हैं। @virenderpalhsrp यूजर ने लिखा कि सीधे-सीधे ये क्यों नहीं कहते कि जो लोग मोरबी के हादसे में मारे गए हैं उनके परिवार वाले अपना-अपना देख लें क्योंकि जिम्मेदारी सरकार की थी ही नहीं और जब जिम्मेदारी नहीं तो सरकार से कोई उम्मीद भी मत रखना।
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बता दें कि 30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी में ब्रिज हादसा हुआ, इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में स्थानीय प्रशासन की बड़ी लापरवाही की बात कही जा रही थी। पुल के रिपेयर होने के कुछ दिन बाद पुल टूटने पर रखरखाव करने वाली कंपनी पर सवाल उठे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने भी मोरबी जाकर घटना में घायल लोगों से मुलाकात की।