पटना में जेपी गंगा पथ पर लहरिया कट मोटर साइकिल चलाने वाले अब सचेत हो जाएं। उन पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाएगी। वहां मुस्तैद पुलिस के जवानों को चकमा देकर भी नहीं बैठ सकेंगे क्योंकि उन पर कमांड सेंटर से ही नजर रहेगी। बता दें कि जेपी गंगा पथ के दीघा से पीएमसीएच के बीच के हिस्से को कमांड सेंटर से कनेक्ट किया गया है।
7.50 किलोमीटर में 110 कैमरे लगेंगे। फिलहाल तीन प्रकार के 43 कैमरे लगाकर ट्रायल का दौर जारी है। दिसंबर के आखिर तक आईसीसीसी पूरी तरह से संचालित होगा। दरअसल, गंगा पथ पर काफी भीड़ बढ़ रही है। ऐसे में लोगों की सुरक्षा को मजबूत किया जा रहा है। एसएसपी कार्यालय कैंपस में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया है।
आईसीसीसी प्रोजेक्ट के तहत शहरभर में चरणबद्ध ढंग से अत्याधुनिक कैमरों काे लगाने तथा 220 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का काम जारी है। इस परियोजना के तहत लगाए जाने वाले कैमरे तीन किस्म के हैं। ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन तथा फेस रिग्निशन कैमरों से ट्रैफिक एवं विधि व्यवस्था बनाए रखने में सुविधा मिलेगी। अंधेरे में भी क्लियर फोटो रिकॉर्ड करने में ये कैमरे पूरी तरह से सक्षम हैं।
फिलहाल गंगा पाथवे, डाकबंगला चौराहा और पुलिस कार्यालय सहित टोटल 70 जगहों पर 170 कैमरे लगाए गए हैं। टोटल 2500 कैमरे लगाए जाने हैं। इनमें से 1244 सर्विलांस कैमरे शामिल हैं। फिलहाल 220 किलोमीटर में से लगभग 43 किमी क्षेत्र में ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया है। इस परियोजना को पूरा करने में फरवरी-2023 तक का समय लगेगा। दिसंबर 2021 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने परियोजना की आधारशिला रखी थी। इसे 15 महीने के अंदर पूर्ण करने का टारगेट है। परियोजना पर कुल 211 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
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बिहार पुलिस की डायल-100 सुविदा को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के साथ इंटीग्रेटेड कर पूर्व से लगे कैमरों की फीड की मॉनिटरिंग का काम शुरू हो गया है। साथ ही पूरे शहर में कचरा उठाव तथा नगर निगम की तमाम ई-गवर्नेंस सेवाओं को डाटा सेंटर के साथ इंटीग्रेट किया गया है। प्रोजेक्ट के तहत सीसीटीवी, एडैप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम, रेड लाइट वायलेशन सिस्टम, स्पीड वॉयलेशन डिटेक्शन, रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन सिस्टम के लिए कैमरे लगाए जाएंगे।