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बिहार के रश्मि और निक्की झा Shark Tank में छाये, जाने उनके द्वारा बनाई ‘सब्जी कोठी’ के बारे में

बिहार के इन दोनों भाई-बहन की आज खूब चर्चा हो रही है। रश्मि झा और निक्‍की कुमार झा ने सब्‍जी कोठी का निर्माण कर किसानों को बेहतरीन तोहफा दिया है। इनकी बनाई ‘सब्जी कोठी’ को अब देश में पहचान की दरकार नहीं है।

निक्‍की कुमार झा और उनकी बहन रश्मि झा की आज खूब चर्चा हो रही है। दोनों इन दिनों सोनी टीवी के बहुचर्चित शो “शार्क टैंक” में छा गए हैं। इस कार्यक्रम में दोनों ने सब्‍जी कोठी की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी।

Nikki Kumar Jha and his sister Rashmi Jha from Bihar in Shark Tank
बिहार के निक्‍की कुमार झा और उनकी बहन रश्मि झा शार्क टैंक में

सप्तकृषि स्टार्टअप के तहत सब्जी कोठी का निर्माण

इस प्रदर्शन को बताने के लिए दोनों ने बेहतरीन अभिनय किया। इस ‘सब्जी कोठी’ का निर्माण निक्की कुमार झा अपने स्टार्टअप ‘सप्तकृषि‘ के तहत कर रहे हैं। उसकी खासियत की वजह से ही उसे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी लगातार नवाजा जा रहा है। इसे बनाने वाले नाथनगर के नया टोला दुधैला निवासी निक्की कुमार झा हैं।

sabji kothi at Shark Tank
शार्क टैंक में सब्जी कोठी
Photo Credit – Sony TV

सब्जी कोठी क्या है?

छोटी और सीमांत किसानों की सुविधाओं और ज्यादा से ज्यादा लाभ को देखकर सब्जी कोठी विशेष रूप से तैयार किया गया है। यह किसी भी मौसम और जलवायु में एक ही तरह कार्य करता है।

what is sabji kothi
सब्जी कोठी क्या है

निक्की के अनुसार सब्जी कोठी एक माइक्रो क्लाइमेटिक स्टोरेज है। जिसमें सब्जियां 3 से लेकर 30 दिनों तक एक दम ताजी रहती है। इसके लिए थोड़ा पानी और कम से कम 20 वाट की बिजली की जरूरत होती है।

सब्जी कोठी तीन श्रेणियों में तैयार

सब्जी कोठी 3 श्रेणियों में तैयार किया गया है। जिससे छोटे किसानों और रेहड़ी पर सब्जी बेचने वाले किसानों को विशेष फायदा होगा। सब्जी कोठी बाक्सनुमा स्टोरेज हे। इसमें अधिकतम एक हजार किलो तक सब्जियां स्टोर करने क लिए रखी जा सकती हैं।

sabji kothi prepared in three categories
सब्जी कोठी तीन श्रेणियों में तैयार

कितनी है लगत?

छोटे किसानों और रेहड़ी के साथ सब्जी कोठी में दो सौ से ढाई सौ किलो तक सब्जियों का रखा जा सकता है। पहला माडल छोटे सीमांत किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया है। इसकी लागत करीब 10 हजार रुपये तक आती है। इसमें 20 वाट तक की बिजली का प्रयोग होता है।

निक्की के मुताबिक उन्होंने दूसरा माडल रेहड़ी माडल तैयार किया है। जिसे रेहड़ी पर ही सेट किया गया है। इसमें भी दो सौ से ढाई किलो सब्जी आसानी से दुकानदार रख सकते हैं। इसे हाथ से खींचते हुए घर-घर बेच सकते हैं।

How much is the cost of sabji kothi
सब्जी कोठी की कितनी है लगत

उनके लिए यह इस कारण जरूरी था कि उन्हें एक दिन सब्जी खरीदने के बाद दूसरे या तीसरे दिन तक बेचने का दबाव रहता है। सब्जी नहीं बिकने पर बर्बाद होने का डर रहता था, किंतु अब इस समस्या से निजात मिल जाएगी।

स्टोरेज के साथ सब्जियों को डिस्प्ले की भी सुविधा

तीसरे माडल के रूप में ई-रिक्शा माडल तैयार किया गया है। इसमें तीन से चार सौ किलो सब्जी को स्टोर किया जा सकता है। यह एक माइक्रो इंटरपेन्योर है। एक बार चार्ज होने के बाद यह 80 किलोमीटर तक घूम सकता है।

Along with storage in the vegetable kothi, the facility of display of vegetables also
सब्जी कोठी में स्टोरेज के साथ सब्जियों को डिस्प्ले की भी सुविधा

इसमें स्टोरेज के साथ सब्जियों को डिस्प्ले की भी सुविधा मिलती है। जिससे लोग बाहर से सब्जियां देख सके। सामान्य सब्जी कोठी का वजन आठ से नौ किलो होता है। जिसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है।

दियारा या ऐसे स्थानों के किसान जहां बिजली की दिक्कत है, तो उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसे चलने के लिए सोलर एनर्जी से भी जोड़ा गया है। बिना बिजली के यह सोलर एनर्जी के चलेगी।

आइआइटी पटना से सबसे पहले शुरूआत

निक्की ने बताया कि सब्जी कोठी का को 7 दिनों तक अरूणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले के हार्टीकल्चर विभाग में प्रयोग के लिए रखा गया। जो प्रयोग में फिट पाया गया है। इसकी शुरूआत सबसे पहले आइआइटी पटना से शुरू हुई।

First sabji kothi started from IIT Patna
सबसे पहले आइआइटी पटना से सब्जी कोठी की शुरूआत

इसके बाद आइआइटी कानपुर से तकनीकी सहयोग मिला। शेरे कश्मीर यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलाजी के इन्क्यूबेशन सेंटर से लैब और फंडिंग मिली।

अभी अरूणाचल प्रदेश, असम, कानपुर भागलपुर में सब्जी कोठी का प्रयोग हो रहा है। इसके आपरेशनल हेड सौरभ कुमार तिवारी ने बताया कि किसानों की जमीनी समस्या को लेकर ही इसे बनाया गया है। यह उनके लिए काफी फायदेमंद होगा।

निक्की की माता गृहणी और पिता है शिक्षक

निक्की के पिता सुनील कुमार झा कहलगांव में में फिजिक्स के शिक्षक हैं। मां रीना रानी गृहणी हैं। उन्होंने 2009 में गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर से 10वीं की परीक्षाा पास की।

2011 में नवयुग विद्यालय से 12वीं पास की। 2016 में जीएल बजाज इंस्टीच्यूट आफ टेक्नोलाजी एंड मैनेजमेंट, नोएड से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग किया। 2018 में इकोलाजी एंड इंवायरामेंटल साइंस में मास्टर की डिग्री ली।

निक्की को मिल चुके कई अवार्ड

Nikki Jha has received many awards
निक्की झा को मिल चुके कई अवार्ड

निक्की को पर्यावरण रत्न अवार्ड, आर्ट एंड मैनेजमेंट अवार्ड, ग्लोबल यूथ इंटरप्रेन्यरशिप, यंगेस्ट आथर अवार्ड, साल्वड चैंपियन अवार्ड 2021, भारत सरकार के यूथ अवार्ड 2021 से भी उन्हें नवाजा गया। सब्जी कोठी को वल्र्ड वाइड लाइफ फंड द्वारा क्लाइमेट साल्वर अवार्ड 2020 से नवाजा गया।

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